NEW STEP BY STEP MAP FOR CHIRAG YOJANA 2025

New Step by Step Map For Chirag Yojana 2025

New Step by Step Map For Chirag Yojana 2025

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जिन स्कूलों ने फार्म छह में अपनी फीस राशि पोर्टल पर दर्शायी हो, वही मान्यता प्राप्त विद्यालय फीस प्रतिपूर्ति राशि के लिए पात्र होंगे। विद्यालयों द्वारा दाखिल होने वाले विद्यार्थियों का डाटा एमआइएस पोर्टल पर दाखिले की तिथि से दो दिन के अंदर अंदर ही अपडेट किया जाना अनिवार्य होगा।

विश्वविद्यालयमा पदाधिकारी नियुक्ति गर्दा विषयविज्ञताले भन्दा नातावाद र कृपावादले प्राथमिकता पाउने गरेको छ । यो अवस्था हेर्दा, विश्वविद्यालयहरू पार्टीका कार्यकर्ता व्यवस्थापन गर्ने स्थानमा रूपान्तरण भएबाट शैक्षिक गुणस्तर खस्किएको आकलन गर्न सकिन्छ ।
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आवेदन के लिए आपको पहचान प्रमाण, आधार कार्ड, निवास प्रमाण, आय प्रमाण, छात्र की फोटो और मोबाइल नंबर की जरूरत होगी।

इस योजना के अंदर आवेदन करने के लिए आपका हरियाणा का मूल निवासी होना अनिवार्य है।

फीस प्रतिपूर्ति रसीद के लिए वहीं मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय पात्र होंगे, जिन द्वारा फार्म चार में अपने विद्यालय की फीस राशि रिवाइज व अन रिवाइज चल रहें सत्र के लिए पोर्टल पर दर्शाई गयी होगी.

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राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना के तहत केवल ऐसे विद्यार्थियों को ही पात्र माना जायेगा जो अकादमिक रूप से उत्कृष्ट एवं प्रत्येक अनुभाग में लगातार उत्तीर्ण हुए हो। 

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केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट और प्रत्येक अनुभाग में लगातार उत्तीर्ण होने वाले छात्र ही योजना के लिए पात्र माने जाएंगे।

तसर्थ, देश विकासका लागि शिक्षा महत्त्वपूर्ण पूर्वाधारका रूपमा रहेको हुन्छ । शिक्षाले मानिसलाई असल, सक्षम, योग्य तथा उत्पादनमूलक सोच निर्माण गर्न सक्ने बनाउँछ ।

हरियाणा चिराग योजना का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर और कम आय वाले छात्रों को निजी विद्यालयों में शिक्षा प्रदान करना है।

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कक्षा १२ को नतिजा निस्केको ४५ दिनभित्र स्नातक तहको पठनपाठन तथा स्नातक तहको नतिजा निस्केको ४० दिनमा माथिल्लो तहको कक्षा सुरु गर्ने वातावरण बनाउनुपर्छ । तसर्थ विश्वविद्यालयले वार्षिकदेखि सेमेस्टर प्रणालीअन्तर्गतका सबै शैक्षिक कार्यक्रमका लागि तालिकासहितको क्यालेन्डर प्रकाशित गरी लागू गरेर विद्यार्थीको समय र आर्थिक पक्षलाई जोगाउनुपर्छ । विश्वविद्यालयमा प्राध्यापक, कर्मचारी र विद्यार्थीका समस्याको अनुगमन र समस्या समाधानका लागि तुरुन्तै सम्बोधन गर्न उत्तरदायी संयन्त्र स्थापना हुनु आवश्यक छ । प्रश्नपत्र निर्माणदेखि उत्तरपुस्तिका मूल्यांकनमा असम्बन्धित व्यक्तिको संलग्नतालाई हटाएर काम गराउने पदाधिकारीलाई पूरै जिम्मेवार बनाउनु आवश्यक छ ।

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